Hu Main Yahin


ये आँखें हैं तेरी, अंधेरों से भरी
जो तुझको ना दिखूँ , मैं सामने खड़ा
तुझे मैं छू भी लूँ, तुझे संवार लूँ
पर तू मुझे न देख पाए क्यूँ भला

भरूँ में रोशनी, आँखों में तेरी
दिखाऊँ तो ज़रा, हूँ मैं यहीं कहीं
ले आऊं चांद और तारों को यहीं
उन्ही की रोशनी से देख मैं यहीं हूँ

हूँ मैं यहीं, सामने
हूँ मैं यहीं, पास में
हूँ मैं यहीं, साथ में
हूँ मैं यहीं, तेरे लिए
आजा मुझे छूले ज़रा

ये धड़कने तेरी, मुझ ही से हैं जुड़ी
एह्सास तो हर एक पल, ये दें मेरा
धुन इनमें कोई दूँ, इनमें मैं साज़ दूँ
पर सुन न पाए तू इन्हें क्यूँ भला

सुनाऊँ धड़कने, तुझे ही मैं तेरी
बताऊँ तो ज़रा, हूँ मैं यहीं कहीं
तेरे ही सामने हूँ सारी ज़िंदगी
तन्हा न हो कभी, देख मैं यहीं हूँ

हूँ मैं यहीं, सामने
हूँ मैं यहीं, पास में
हूँ मैं यहीं, साथ में
हूँ मैं यहीं, तेरे लिए
आजा मुझे छूले ज़रा

ज़ुबान है ये मेरी, बेज़ुबान बड़ी
जो धीमे धीमे करती हैं ये सब बयान
आवाज़ दूँ बढ़ा, या दूँ उसे घटा
समझ न पाए तू इन्हें क्यूँ भला

दिल में तेरे कई, तस्वीरें हैं दबी
समझाऊँ तो ज़रा, वो हैं मेरी सभी
हाँ बार बार मैं जताऊँ तो यही
खोया नहीं हूँ मैं, तलाश तो यहीं हूँ

हूँ मैं यहीं, सामने
हूँ मैं यहीं, पास में
हूँ मैं यहीं, साथ में
हूँ मैं यहीं, तेरे लिए
आजा मुझे छूले ज़रा